आज तुम्हें तहे दिल से शुक्रिया मुझे कहना हैं
कितने अलग रूपों से जीवन जो तुने सवारा हैं
माँ तुने जनम दिया और सिखायी प्रेम कि परिभाषा
कितने अलग रूपों से जीवन जो तुने सवारा हैं
माँ तुने जनम दिया और सिखायी प्रेम कि परिभाषा
इस दुनिया में जीने के लिए जीवन को तराशा
हँसता खेलता बचपन बीता बहना तेरी वजह से
लड़ना झगड़ना फिर सुलह करना ये सीखा तुमसे
तु अपना सबकुछ छोड़ मेरी जिंदगी में लायी बहार
बीवी बनकर तुने जीवन दिया सवार
बेटी तो लाती खुशियां ढेर सारी
हसती खिलखिलाती तो दुनिया लगे न्यारी
तु कभी दादी बनी और चाची कभी
कभी बुवा, मासी तो कभी भाभी
हर रिश्ता मुझें क़ुछ सिखाता हैं
इसलिये आज सर प्रणाम करने झुकता हैं
तु कभी दादी बनी और चाची कभी
कभी बुवा, मासी तो कभी भाभी
हर रिश्ता मुझें क़ुछ सिखाता हैं
इसलिये आज सर प्रणाम करने झुकता हैं
कभी बनी तु शिक्षिका कभी प्यारी दोस्त मेरी
जीवन की नैया पार लगाने क्या खूब सीख थी तेरी
कभी दो वक्त की रोटी के लिए तु घर घर काम करे
तु श्रमदेवता हैं ये मन तुझको नमन करे
कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हर क्षेत्र में तु आज
फिर भी कुछ हैं जो पीडे तुझको छोडकर शरम लाज
दुख होता है देखके सुनके ऐसी बातें
मैंने देखा है भगवान को भी रोते
तु डरना नहीं कभी हारना नहीं
हिम्मत और हौसले से चलना आगे
तेरे जैसा कोई नहीं ओ नारी
आज वंदन करती तुझको दुनिया सारी
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