चलो थोड़ासा जी लेते हैं,
मधुर रस जीवन का पी लेते हैं।
थोड़ा थमकर, थोड़ा रुककर
थोड़ा थमकर, थोड़ा रुककर
जिंदगी कि छोटी खुशीया बटोरकर
उसे महसूस करते हैं।
सुंदर घोंसला चिड़िया जो बनायें
देखकर उसे दिल खुश हो जाये
कभी हसके खिलखिलाती गुड़िया के साथ
कभी प्यार से थामकर बुढे माँ बाप का हाथ
चलो थोड़ासा जी लेते हैं।
देखकर उसे दिल खुश हो जाये
कभी हसके खिलखिलाती गुड़िया के साथ
कभी प्यार से थामकर बुढे माँ बाप का हाथ
चलो थोड़ासा जी लेते हैं।
नन्हासा पौधा जीना चाहे
गलते नल का पानी पी कर
चलो उसकी इर्द गिर्द फ़ैली मिट्टी को सवार कर
उसके बढ़ने कि उम्मीद रखते हैं
चलो थोड़ासा जी लेते हैं।
चलो उसकी इर्द गिर्द फ़ैली मिट्टी को सवार कर
उसके बढ़ने कि उम्मीद रखते हैं
चलो थोड़ासा जी लेते हैं।
बचे हुए मैदानों में बच्चे खेलतें हैं
कभी उन मैदानों कि पुकार सुनकर
बच्चों के साथ बच्चा होकर
कुछ खेल खेलते हैं
चलो थोड़ासा जी लेते हैं।
कभी उन मैदानों कि पुकार सुनकर
बच्चों के साथ बच्चा होकर
कुछ खेल खेलते हैं
चलो थोड़ासा जी लेते हैं।
पूनम कि रात सर उठाकर
चलो देखें चाँद का रूप सुंदर
अमावस कि रात झिलमिलाती चाँदनिया देखकर
रविवार को उगते सूरज के लाल रंग में घुलकर
चलो थोड़ासा जी लेते हैं।
चलो देखें चाँद का रूप सुंदर
अमावस कि रात झिलमिलाती चाँदनिया देखकर
रविवार को उगते सूरज के लाल रंग में घुलकर
चलो थोड़ासा जी लेते हैं।
शहर में छोटासा चुलबुलाता नहर
दौड़ता हैं इधर से उधर
कभी उसके पास रुककर
बहता हुआ संगीत सुन लेते हैं
चलो थोड़ासा जी लेते हैं।
दौड़ता हैं इधर से उधर
कभी उसके पास रुककर
बहता हुआ संगीत सुन लेते हैं
चलो थोड़ासा जी लेते हैं।
अंतिम स्थान तो सबका निश्चित हैं
वहा उपरवाला एकही सवाल पूँछता हैं
"कैसी थी जिंदगी?"
तब तो सोच में नहीं पड़ना हैं
चलो इस सवाल का जवाब ढूँढ़ते हैं
चलो थोड़ासा जी लेते हैं।
"कैसी थी जिंदगी?"
तब तो सोच में नहीं पड़ना हैं
चलो इस सवाल का जवाब ढूँढ़ते हैं
चलो थोड़ासा जी लेते हैं।
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